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Wednesday, August 20, 2014

आपने आज तक मुझे गुलाब नहीं दिया

"अनीसा"

एक बार तुमने मुझसे कहा था - 

आपने आज तक मुझे गुलाब नहीं दिया 
अनीसा, आज इन हवाओं के जरिए, ये गुलाब 
भेज रहा हूँ . क़ुबूल कर लेना ! 

तुम्हारा हमेशा 
शाहिद 

16.02.02

आरजू , प्यार , ज़िन्दगी

अनीसा,

You are my valentine.

आरजू , प्यार , ज़िन्दगी

अनीसा वो जो डर होता है न, पायल की छन-छन न सुन ले, दिल की गहराईयों तक जाती हुयी सांसों की आवाज़ न सुन ले.

It is the first chance , we & you were one phone line in dream.

Oct. 03



हम अपने आपको कब तक धोखा देते रहेंगे !

मुझ में इतनी ताकत , इतनी हिम्मत नहीं है कि अपनी ज़िन्दगी अपनी मुहब्बत से जुदा होकर जी सकूँ.

शाहिद मैं आपके प्यार के बंधन में इस तरह बंध गयी कि ख़ुदा के सिवाए मुझे कोई अलग नहीं कर सकता .

शाहिद आप के बगैर तो हम जमीन पर भी नहीं चल सकते, आसमान में उड़ने की बात तो बहुत दूर है. 

मगर उसे निभाना मुश्किल है

प्यार करना आसान है, मगर उसे निभाना मुश्किल है, हम दोनों ने प्यार तो कर लिया , मगर अब निभाने की बारी है, कौन कैसा निभाता है.  कम से कम छत पे बिताये वो लम्हे याद कर लिए होते.

04.05.03

प्यार से लबालब उन शामों की कसम

कसम खाओ अनीसा तुम ऐसा कुछ भी नहीं करोगी जिससे तुम्हें दुःख पहुंचे , मुझे दुःख पहुंचे और खुसूसन अपने प्यार को ग़म पहुंचे.
अनीसा मुहब्बत से लबरेज तुम्हें उन रातों की कसम जब मेरा चेहरा तुम्हारे हाथों में होता था और हम दोनों अपनी एक अलग दुनिया में खोये हुए होते थे.

अनीसा उल्फत से भरी हुयी उन तपती दोपहरों की कसम जब हम दोनों सब कुछ भूलकर , एक दूसरे को देखने और एक दूसरे का झूठा खाने में, उन दोपहरों को गुजार देते थे.

अनीसा प्यार से लबालब उन शामों की कसम जब हम दोनों अपनी ज़िन्दगी के हिस्से को छोड़कर , आने वाले कल निकहत और इमरोज़ के बारे में बातें किया करते थे.

- 5th Nov. 04

काश तुम्हें इस वक़्त देख पाता

i miss you so much since last
three days.

 काश तुम्हें इस वक़्त देख पाता.
अनीसा अल्लाह तआला जो भी करेगा
अच्छा ही करेगा.
खुद पर यक़ीन करो , मुझ पर भरोसा
रखो. बस हम दोनों की ज़िन्दगी में
जो भी होगा, अच्छा ही होगा.

या अल्लाह, आज तेरे आगे  , दोनों हाथ
फैलाकर भीख मांगता हूँ- हम दोनों
की ज़िन्दगी में खुशियाँ भर दे.

मेरी ज़िन्दगी अनीसा के ऊपर खुशियों
की बरसात कर दे !

- 1st June. 03

उस वक़्त मेरे पास सिर्फ ख़ुशी थी

अनीसा, रात जब घड़ी ने 12 बजाये , उस वक़्त मेरे पास सिर्फ ख़ुशी थी. यूँ तो साढ़े दस बजे ही नींद आने लगी थी. मगर यार सोचा तुम मेरा इंतज़ार करोगी. इसीलिए कुछ और करने लगा. उस वक़्त क्या बेकरारी थी , अनीसा बताया नहीं जा सकता . यहाँ मैं बेक़रार और वहां तुम बेचैन. 

बस फिर क्या था, हम दोनों ने फोन पर एक ऐसा सफ़र तय किया . जो हमेशा - हमेशा याद रखा जायेगा . पिछले सात सालों में कभी ऐसा नहीं हुआ. आज हम दोनों ने फोन पर एक दूसरे को बोसा किया. काश हम आमने-सामने होते . खैर ! ये क्या कम है जो हम दोनों इतने इत्मीनान से बात कर ले रहे हैं. 

25th May. 03

सारा आलम सो रहा था

अनीसा, आज सारा आलम सो रहा था, और दो प्रेमी जाग रहे थे. बस हम और तुम. यहाँ हम अपने बेड पर और वहां तुम अपने बेड पे. आज के लिए कितनी अच्छी किस्मत थी. ख़ुदा करे बार- बार आये ऐसा दिन

19th May. 03

हमारे प्यार में कुछ टूटा तो है

अनीसा, आज मैंने तुम्हारे फोन का जिस तरह से इंतज़ार किया, शायद मुहब्बत के सफ़र में अब तक न किया होगा. अपने एक दोस्त से मोबाइल ले के आया था. पूरे दिन अपने पास रखे रहा , मगर अफ़सोस , तुमने फोन नहीं किया और मैं इंतज़ार करते रह गया.

यार जिस दिन तुम्हरे फोन की जरूररत होती है , उस दिन तुमने कभी फोन नहीं किया होगा.
आज कॉलेज में मुझे पोएट्री का इनआम मिलने वाला था , सारे दोस्त , सारे लोग मेरे साथ थे,  मगर एक तुम जो फोन करके भी विश न कर सकीं.

अनीसा, हमारे प्यार में कुछ टूटा तो है , वरना वो अनीसा जरूर फोन करती , जो कभी, मेरे लिए , रोटी थी, तड़पती थी. खैर !!!

20th Apr. 03

हर दुआ क़ुबूल हो इस साल

अनीसा !
Hi !!

हैप्पी न्यू ईयर
तुम्हारी हर दुआ क़ुबूल हो इस साल . मैं रब से यही दुआ करूँगा , तुम्हारे लिए इस साल !

Bye ! Bye !

तुम्हारा प्यारा दोस्त 
शाहिद 
1 st. Jan. 03                                                                                                                             01.01.2003

तुम दुनिया से नफरत करो !

अनीसा, मैं जिसे प्यार करूँ , वो सिर्फ मुझे प्यार करे . और अगर वो प्यार तुम मुझे सारी दुनिया से नफरत कर के दे सको तो मैं चाहूँगा कि मुझसे प्यार करने के लिए तुम दुनिया से नफरत करो !

क्या यार तुम दिल्ली तक आई और मेरे पास न आ सकीं. जितनी ख़ुशी तुमसे बात करके न हुयी , उससे कहीं ज्यादा तुमसे न मिलने का ग़म हुआ.

अरे यार , इतने-इतने दिनों बाद फोन करोगी , प्लीज़ यार , जल्दी फोन कर दिया करो.

06.04.03

दोस्तों में दोस्ती के लिए सब कुछ होता है

आज, अनीसा , फोन पर तुमसे कुछ ऐसा कहा - जो सच होते हुए भी अच्छा नहीं लगा. जब तुमने कहा- " मैं जानती हूँ आप कुछ नहीं कर सकते " .

अनीसा तुम्हीं बताओ मैं क्या करूँ . मैं वो करने के लिए तैयार हूँ. तुमसे मिलने के लिए तो वो क़दम भी उठा सकता हूँ जिसे मेरा दिल भी न चाहता हो. खैर !
मैं गुस्सा-वुस्सा कुछ नहीं हूँ . न ही मुझे ये बुरा लगा . दोस्तों में दोस्ती के लिए सब कुछ होता है.

22.12.02 ( मेरठ )

ख़ुशी में हम दोनों शामिल तो हो गए.

सच में अनीसा, आज बेहद ख़ुशी हुई . पहली बार ऐसा शब्द सुना. बहुत-बहुत अच्छा लगा. जब तुम्हारी सहेली सीमा ने कहा - जीजा जी वाक़ई ये शब्द दिल की गहराईयों तक गया .

अनीसा हम दोनों की किस्मत में था एक दूसरे की आवाज़ सुनना और रब को भी मंजूर था आज.

जब मैं अपने दोस्त को देखने हॉस्पिटल जा रहा था. तो मैं सोच रहा था कि 5 बजे तक हर हाल में आ जाऊंगा. मगर वहां रुकना गया. मुझे बड़ा अजीब सा होने लगा. लगा जैसे आज बात नहीं हो पाएगी क्योंकि वो हॉस्पिटल मेरे हॉस्टल से 10 किमी. दूर था, बिना गाड़ी आना भी मुश्किल था. अचानक मेरे दिमाग में Idea आया . और मेरी तुमसे बात हो गयी. मगर आसपास के लोगों की वजह से जितना चाहता था उतनी बात न हो सकी . खैर ! ख़ुशी में हम दोनों शामिल तो हो गए. यही क्या कम है . अल्लाह तआला का शुक्र है. 

09.06.02

Tuesday, August 19, 2014

इतना प्यारा ख़त लिखती हो

अनीसा तुम इतना प्यारा ख़त लिखती हो कि उसे पढ़कर मेरा सारा गुस्सा काफूर हो जाता है . पता है अनीसा मुझे तुम पर इतना गुस्सा आ रहा था कि पूछो मत . क्योंकि अब मुझे डर है मेरे बताने पर  शायद तुम नाराज हो जाओ. 
अनीसा, मैं सोच रहा था कि - एक बार तुम्हारा फोन तो आ जाये फिर अपना सारा गुस्सा तुम पर उतार दूँ. मगर तुम्हार फोन आने से पहले ही मेरे पास तुम्हार ख़त आ गया. 
जब मैं बुआ जी को छोड़ने जा रहा था तो अपने आप पर तो गुस्सा आ ही रहा था , क्योंकि तुम्हारे पास आने का प्लान बनते-बनते बिगड़ गया था और मैं नाराज़ होकर घर से आया था . मगर अपने से ज्यादा तुम पर गुस्सा आ रहा था . उस वक़्त मैं सोच रहा था- प्यार एक झूठ है , धोखा है , फरेब है और सोचा घर जाकर इस पर एक नज़्म लिखूंगा . लेकिन फिर मैंने ऐसा कुछ नहीं किया और पूरे दिन घर नहीं आया  और अगले दिन मेरठ आ गया. ! 

- 27.04.02 

शहर - इश्क़

To,

मुहब्बत परस्त
प्यार की गली में
दिल के क़रीब
शहर - इश्क़
पिन- A N E E S A

FROM-
TUMHARA  MAHBOOB  ( PYAR ) 

आंख नशीली

अनीसा 10 Nov.  01 की वो हसीं रात का मंज़र अपनी आँखों में लाकर , मेरी ये ग़ज़ल पढ़ना . मैंने खुसूसन उस रात के लिए ये ग़ज़ल लिखी है. आज ही लिखी. मुझे  ख़त में तो बताना ही मगर फोन पर बताना न भूलना कि ये ग़ज़ल तुम्हें कैसी लगी. !
आंख नशीली -----------27.03.02 

बेहतर समझो तो !

अनीसा , 25 मई को मैं मेरठ से डॉक्टर को दिखने के लिए झांसी आऊंगा. अगर तुम मिलना चाहो तो मुझे 25 से पहले फोन पर बता देना. अगर तुम आने का कहो तो मैं आयशा बाजी के यहाँ आ जाऊंगा, अन्यथा मेरा दीपक के यहाँ रुकने का सोच रहा हूँ. तुम मुझे पहले बता देना यदि आना बेहतर समझो तो !

- 31.03.02

ताजमहल का सुकूं

अनीसा, मैंने तुम्हें आगरा जाने का प्रोग्राम बताया था, मगर अब मैंने वो कैंसिल कर दिया. जब भी जाने का मौका मिले तुम्हें , तो तुम जाना और मुझे ताजमहल का सुकूं बताना . और अगर वहां से मेरे करीब आ सको तो आने की कोशिश करना !

- 30.03.02

चन्द लम्हों के लिए

अनीसा, आज मुहर्रम की वही 10 तारीख है जब 5 साल पहले आज के दिन हम साथ थे. अनीसा तुम्हें याद होगा , छत पर चन्द लम्हों के लिए तुम्हारी गोद में लेटकर मैंने तुमसे प्यार किया था. आया न याद . काश तुम मेरे साथ होतीं इस वक़्त. 

26.03.02

तुम्हें याद होगा

अनीसा काफी पहले तुमने मुझसे एक वादा ( मैं सिर्फ तुम्हारे ---- बनूंगी ) किया था . तुम्हें याद होगा. मैंने उसे वापस लेने के लिए कहा था , अनीसा आज फिर मैं उसे वापस लेने के लिए कह रहा हूँ. अनीसा ऐसा नहीं कि मुझे तुम्हारे वादा निभाने पर शक हो . मगर अनीसा मैं नहीं चाहता कि तुम मुझसे ऐसा वादा करो. उम्मीद है तुम इसे वापस लोगी ! 

- शाहिद, अनीसा का
25.03.02

अपने महबूब की खातिर

अनीसा, -----

काफी दिनों पहले मैंने तुमसे तुम्हारा क्लोज अप फोटो माँगा था , मगर तुमने नहीं भेजा.  अब अगर भेजने का मन हो तो ऐसा करना- एक ग्रीटिंग कार्ड ( फॉर गुड विशिष ) भेज देना. उसी में अपनी फोटो ( बिना चश्मा ) रख देना. प्लीज़ अनीसा अपने महबूब की खातिर ऐसा कर देना .  !

- 25.03.02

Thursday, August 7, 2014

इंतज़ार करने के बाद

अनीसा, आज 5 Sunday इंतज़ार करने के बाद तुमसे बात हो पायी.Chance की बात देखो आज ( Sunday ) फिर से मेरी Class थी वो भी बहुत Important. आज मैं क्लास करने भी गया आधी क्लास जब हो गयी , मुझे याद आया कि आज तुम्हारा फोन आएगा. इसलिए ठीक 1 बजे College से चला . अनीसा आज पहली बार कॉलेज से इतनी तेज आया कि मुझे अपने हॉस्टल तक आने में केवल 7 मिनट लगे. जैसे ही आया कि तुम्हारा फोन आया , मालूम हुआ . उस वक़्त एक बार तुम फोन कर चुकी थी और निगम मुझे ढूंढ रहा था. और फिर मेरी तुमसे बात हुयी. किस्मत में थ न इसीलिए तो !

10.02.02

मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था

अनीसा , आज तुम्हारी और मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था. ये 14 फरवरी 02 हम दोनों के लिए खुशियाँ और बहारें लेके आई. 

आज हम दोनों 567 से. बात की. Economically आज सबसे ज्यादा बात हुयी. ( 92 रु . )

- 14.02.02

Wednesday, August 6, 2014

मेरी कलम झूठ लिख रही है

अनीसा, इस वक़्त सुबह के 4:45 बज रहे हैं. आज मेरा Exam है , तो जल्दी जागा हूँ. रात में जल्दी 10:30 बजे सो गया था.

अभी-अभी मैंने सपना देखा है कि तुम आज ही अपनी ससुराल से आई हो . जो चौथी की रस्म होती है न अभी-अभी वो पूरी हुयी है. लेकिन अनीसा ये शादी तुम्हारी मुझसे नहीं किसी और से हुयी है. वो कौन है, मैं देखा नहीं, मैं जानता नहीं. 

अनीसा तुम एक कमरे में बैठी हुयी हो. सर पे तुम्हारे चुन्नी है, पैरों में सुहाग की निशानी है. हाथ में यानी तुम्हारी कलाईयों में वो चूड़ियाँ हैं जिन्हें हर औरत अपने शौहर की सलामती के लिए पहनती है. 

अनीसा तुम इतनी खुश हो कि मैं बता नहीं सकता. क्योंकि अगर मैं तुम्हारी ख़ुशी लिखूंगा तो आज मेरी आँखें रो पड़ेंगी जो कि मैं नहीं चाहता क्योंकि 3 घंटे बाद मेरा Exam है. 
जबकि अनीसा तुम जानती हो कि मैं तुम्हारी ख़ुशी चाहता हूँ मगर आज तुम्हारी मांग में किसी और के नाम का सिन्दूर देखकर नफरत सी हो रही है. मेरा दिल मुझे समझा रहा है कि ये उस लड़की यानी अनीसा की ज़िन्दगी की एक बहुत बड़ी गलती है जो तूने मुझसे शादी नहीं की .

मेरा दिल मुझसे कह रहा है - अरे शाहिद तुम तो अब इंजीनियर हो और भी दोस्त मिलेंगे ज़िन्दगी के सफ़र में. 

दरअसल हुआ यूँ अनीसा जब तुम अपने ससुराल में गुजारे दिन और रात का हाल आयशा बाजी को सुं रही थी तो मैं तुम्हारे करीब गया और मैंने अपना समझकर तुम्हारे सर पर हाथ रखा , तुमने कुछ पूछना चाहा मगर तुमने बताना बेहतर न समझा और मेरे पास से चली गयी. 

और उस पूरे दिन मेरे पास नहीं आई यानी पूरे दिन कटे-कटे सी रही. 

अनीसा ये तो सपना था जिसे मैंने सुना दिया. अनीसा तुम मुझे बेइंतिहा मुहब्बत करती हो तुम ऐसा नहीं कर सकती. 

आज लग रहा है की मेरी कलम झूठ लिख रही है . एक सच सहने में डर रही है क्योंकि सच्चाई कड़वी होती है न !

- शाहिद
31.01.02
( मेरठ)

वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हो

अनीसा, आज मैंने तुम्हारे फोन का बहुत इंतज़ार किया. मगर फिर भी तुम्हारी आवाज़ न सुन सका. कल मेरा Exam है और पढने में मन नहीं लग रहा है. 3 बज चुके हैं , अब तुम्हारा फोन आएगा , ये उम्मीद अब टूटती जा रही है.

आज पूरी रात ख्वाबों में तुम्हारे साथ रहा. इसलिए इंतज़ार में और इजाफा हो गया.

पढ़ना तो है ही इसलिए ग़म दूर करने के लिए सोचा ग़ज़ल की शायरी सुनूँ जैसे ही Walkman On किया अनीसा ये एक इत्तेफाक ही है कि-

मुझे ये अल्फाज सुनने को मिले-

वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हो
ख्वाब पूरा जो न हो वो न दिखाना मुझको.

- 27.01.02 ( 3:00 pm)

मुहब्बत से लबरेज आवाज़

पिछले 4 Sunday से तुम मुझे फोन कर रही हो, मगर फिर भी हम दोनों बात न कर सके. शायद किस्मत में नहीं था. 

आज तुम्हें मुझ पर बहुत गुस्सा आया होगा , अनीसा आना भी चाहिए क्योंकि मेरा दिल ये जानता था कि आज तुम्हारा फोन आएगा . मगर फिर भी तुम्हारे फोन को Attend न कर पाया. अनीसा कुछ मजबूरियां थीं, बस इतना ही कहूँगा. 

अब रब से यही दुआ करता हूँ कि अगले Sunday को तुम्हारी मुहब्बत से लबरेज आवाज़ सुन सकूं. 

- शाहिद
20.01.02

लम्बा इंतज़ार

अनीसा, आज तुम्हें जुरूर फोन करना चाहिए था मगर किसी वजह से तुम फोन न कर सकीं.

मैंने बहुत इंतज़ार किया. आज के फोन का इंतज़ार मैं एक लम्बे समय से कर रहा था.

Happy New Year Aneesa

- 01.01.02


रब का लाख-लाख शुक्र है

हाय अनीसा तुम कितनी प्यारी हो, आज हम दोनों एक दूसरे से कितने दूर थे. मगर फिर भी हम दोनों एक दूसरे की आवाज़ सुनने में कामयाब रहे. 

अनीसा जब से तुमसे मिल कर आया हूँ , एक डर सा रहता है दिल में , लेकिन आज उस डर में कुछ कमी हुयी. मेरी प्यारी-प्यारी अनीसा तुम पर इतना प्यार आ रहा है इस वक़्त , गर तुम इस वक़्त मेरे पास होती तो बस मेरी बांहों में तुम्हारा मासूम सा खूबसूरत चेहरा होता. अनीसा क्या लिखूं?  मारे ख़ुशी के मेरी कलम भी नशे में झूम रही है. 

अनीसा , तुमने महसूस किया होगा , मैंने भी महसूस किया है कि अपने प्यार में अब वो बात आ गयी है. जिससे हमें और तुम्हें एक दूसरे की दिल की बातें मालूम हो जाती हैं. आज सुबह से ही दिल में था कि तुम्हारा फोन आएगा . अनीसा रब का लाख-लाख शुक्र है जो हम पर इतना महरबान है . बस इसी तरह ताउम्र उसकी रहमतें और बरकतें बरसती रहें. और अपना प्यार गहरा और गहरा होता जाए. 

- 02/12/01

मेरठ

न जाने क्यूँ

न जाने क्यूँ आज फोन पर अच्छा नहीं लगा. ऐसा क्यों मैं नहीं जानता. एक तो शायद फोन कट गया और पता नहीं -------

16/11/01

लाख कोशिश की

अनीसा, आज मैंने लाख कोशिश की , तुम्हारे करीब आने की, मगर नकामयाब रहा. मुझे अफ़सोस है तुम्हारे पास न आने का. मैंने आने का वादा तोड़ा इसके लिए माफ़ी चाहता हूँ.

प्यार की 5वीं सालगिरह पर मुबारकबाद

- 06/10/01