'तुम आओ न आओ मगर
ये निगाहें तेरा इंतज़ार करेंगी '
- शाहिद
' छीन सकता है ज़माना मेरी जाँ
मगर तुमको छीन सकता नहीं '
- शाहिद
' दुनिया की हर शै से ऊंची हो तुम
मगर सिर्फ मेरी मुहब्बत हो तुम '
- शाहिद
ये निगाहें तेरा इंतज़ार करेंगी '
- शाहिद
' छीन सकता है ज़माना मेरी जाँ
मगर तुमको छीन सकता नहीं '
- शाहिद
' दुनिया की हर शै से ऊंची हो तुम
मगर सिर्फ मेरी मुहब्बत हो तुम '
- शाहिद