शायद लोग मेरी कवितायें पढने के बाद यही कहेंगे कि एक ही टॉपिक पर और
प्रत्येक कविता में एक ही बात झलक रही है. पर उनके ये कमेंट करने से पहले
मैं ये कमेंट करना चाहूँगा कि एक ही बात को कितनी घुमाकर फिराकर लिखना क्या
कोई साधारण कार्य है .
- शाहिद अजनबी
- शाहिद अजनबी