"शाहिद"
- दो ज़िन्दगी मगर एक जान
'अनीसा'
"अनीसा तुम मेरे इतने करीब आ जाओ कि तुम्हारी बाँहें मेरे गले का हार बन जाएँ और मेरी साँसें तुम्हारी साँसें हो जाएँ"
- शाहिद
"मेरी ज़िन्दगी तुम से है अनीसा "- शाहिद
03.06.01
- दो ज़िन्दगी मगर एक जान
'अनीसा'
"अनीसा तुम मेरे इतने करीब आ जाओ कि तुम्हारी बाँहें मेरे गले का हार बन जाएँ और मेरी साँसें तुम्हारी साँसें हो जाएँ"
- शाहिद
"मेरी ज़िन्दगी तुम से है अनीसा "- शाहिद
03.06.01