ख़तो - किताबत
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Monday, July 21, 2014
इत्तेफाक
अनीसा , ये एक इत्तेफाक ही है कि मैंने पहली बार मुहर्रम की 9 और 10 को रोज़ा रहा और तुम भी रहीं. वाह क्या अजीब इत्तेफाक है.
- शाहिद
21.04.01
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