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Tuesday, July 22, 2014

तुम्हारा नाम

मुझे मेरे Selection की मुबारकबाद देने वालों में सबसे ऊपर तुम्हारा नाम है. क्योंकि सबसे पहले तुम्हीं ने Wish किया था.

अनीसा तुम्हारी ख़ुशी को लफ्जों में बयां करना मुमकिन ही नहीं है. हाय ! क्या हंसी थी, क्या ख़ुशी थी . अनीसा फोन पर तुम्हारी साँसों के जरिये मैं तुम्हारे चेहरे के भावों को पढने में मशगूल था. अनीसा तुम्हारे चेहरे पर ख़ुशी को साफ़-साफ़ देखा जा सकता था. यूँ तो ख़ुशी मुझे भी है लेकिन उस वक़्त मुझसे कई गुना ज्यादा ख़ुशी तुम महसूस कर रही थीं.

अनीसा , जब तुमने मुझे पार्टी देने के लिए कहा तो मैंने , तुमसे अपने करीब आने को कहा . फिर तुमने कहा- चलो दूर से ही सही. अनीसा उस वक़्त मेरी साँसें ही थीं जो उस वक़्त वो सब कुछ दे सकती थीं जो तुम चाहती थीं. हम दोनों कितने खुश थे.

- शाहिद
21.06.01