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Sunday, July 27, 2014

ख्वाबों की दुनिया

अनीसा आज सुबह-सुबह ख्वाबों की दुनिया में एक नया अहसास मिला. अनीसा मेरे लवों ने यूँ तो तुम्हारे लवों से अक्सर बातें की. मगर आज अनीसा तुम्हारे होठों ने मेरे होठों से बातें की . वो भी थोड़ी बहुत देर नहीं पूरे 1000 से. बातें की. सपना तो सपना है न , अनीसा न जाने कहाँ से अपने पास एक ऐसी घड़ी थी, उस वक़्त जो केवल सेकण्ड बता रही थी. अनीसा बातों का सिलसिला तुमने शुरू किया और तुम बीच में ही यानी बातों को अधूरा छोड़ना चाहती थी. (लवों की बातें ) मगर मेरे कहने पर तुमने पूरा साथ दिया. अनीसा लवों की बातें शुरू होने से पहले तुम्हारे गेसू बार-बार तुम्हारे आरिज ( गाल) और लवों ( होठों) पर आ रहे थे. तुम जब अपने उन गेसुओं को दूर कर रही थीं. हाय क्या खूबसूरती थी. मैं तो मर जाऊं . अनीसा आज तुम्हारे सादगी भरे लहजे में न जाने कहाँ से इंग्लिश वर्ड आ गया. तुमने जब अंदाज में कहा - लेट्स गो ! ( मैं नहीं जानता क्या हुआ इसका मायने ) और मुझे अपनी बाहों में भर लिया. 

मगर अनीसा ये एक ख्वाब था जो गुजर गया. मैं जहाँ था , वहीँ रहा. और तुम जहाँ थी वहीँ रही. 

मेरे सपने में आने का शुक्रिया - शाहिद की अनीसा 

22.09.01