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Monday, July 21, 2014

तुम मुझे ख़त डालना

अनीसा, अगर तुम मुझे ख़त डालना बेहतर समझो तो लिख देना. वरना मत लिखना . फोन कर सको तो करना वरना न करना.
मैं नहीं चाहता कि तुम मजबूरियों से जूझो और मेरे लिए ज़िन्दगी से लड़ो.
आपका दिल जैसा चाहे , बस वैसा ही . आपकी हाँ में मेरी हाँ है. मेरी नाराजगी की फिक्र मत करना. मैं खुश हूँ.
"बस तुम्हारे लिए ख़ुशी"

- शाहिद
21/04/01