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Wednesday, July 23, 2014

एक ऐसा ख्वाब

अनीसा आज मैंने एक ऐसा ख्वाब देखा , जिसके पूरी न होने की , मैं ख़ुदा से भीख मांगता हूँ. क्योंकि गर ये पूरा हो गया तो हम दोनों की ज़िन्दगी में बहारें ख़त्म हो जाएँगी और हमेशा-हमेशा के लिए ग़म की घटायें छ जाएँगी . वो सपना ये था- 

तुम्हारी शादी किसी और के साथ होने जा रही है. मैं भी वहां मौजूद हूँ . तुम्हारे हाथों में मेंहदी लगी हुयी है . तुम मेरे पास रात में आयीं , मेरी गोद में सर रखकर रोटी रहीं. मुहब्बत की हार हुयी या जीत हुयी , मैं नहीं जानता , उस वक़्त जब मेरे ही बांहों के साए तुम्हें डोली में बिठाने ले गए .

- शाहिद
04.07.01