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Thursday, August 7, 2014

मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था

अनीसा , आज तुम्हारी और मेरी ख़ुशी का ठिकाना न था. ये 14 फरवरी 02 हम दोनों के लिए खुशियाँ और बहारें लेके आई. 

आज हम दोनों 567 से. बात की. Economically आज सबसे ज्यादा बात हुयी. ( 92 रु . )

- 14.02.02